यूपी में कानून व्यवस्था चाक-चैबंद करने में जुटे अधिकारी

प्रदेश सरकार ने कोविड-19, संचारी रोग नियंत्रण, स्वच्छता अभियान व पेयजल आदि की व्यवस्था के लिए नए सिरे से नोडल अधिकारियों की तैनाती की है। खास बात ये है कि इस बार सरकार ने अपर मुख्य सचिव गृह, चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा तथा वित सहित चुनिंदा अधिकारियों को छोड़ सभी को मैदान में उतार दिया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इन अधिकारियों से कहा है कि वे अपने-अपने आवंटित जिले में प्रतिदिन फोन पर जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, मुख्य विकास अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी से समन्वय स्थापित कर तय नौ बिंदुओं की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में दो दिन जिलों का भ्रमण करेंगे। उन्होंने नोडल अधिकारियों से कहा है कि वे अपने आवंटित जिले की प्रतिदिन आख्या अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज, अपर मुख्य सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन व मुख्य सचिव को उपलब्ध कराएंगे। नोडल अधिकारियों के भ्रमण के दौरान प्रवास, वाहन, सुरक्षा व आवश्यक लिपिकीय सहयोग जैसी समस्त व्यवस्थाएं जिलाधिकारी उपलब्ध कराएंगे।  
  प्रदेश में अपराध की समीक्षा और पुलिस महकमे की खामियां पता करने के लिए एक बार फिर जिलों में डीआईजी से लेकर डीजी स्तर तक के अधिकारियों को भेजा जा रहा है। यह अधिकारी दो दिन के लिए जिलों में जाएंगे और फिर वापस आकर अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपेंगे। यह सब पता करने के लिए डीजी रैंक के 12 अफसर, एडीजी रैंक के 36 अफसर, आईजी रैंक के 22 अफसर और डीआईजी रैंक के 6 अफसरों को शामिल किया गया है। नोडल अफसरों से 11 बिंदुओं पर पुलिस अधिकारियों, थानाध्यक्षों के कामों पर रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें सामाजिक समीकरण एवं शासनादेश को देखते हुए अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की थाना स्तर पर तैनाती की समीक्षा किया जाना, थानाध्यक्ष और अन्य कर्मचारियों के निर्धारित अवधि के बाद भी नियम के खिलाफ तैनाती की समीक्षा किया  जाना शामिल है। 
 


कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़े फैसले लेते हुए सख्ती का संकेत दे दिया है। उन्होंने कहा है कि मास्क न पहने वालों से पांच सौ रुपये जुमार्ना वसूला जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने और मरीजों की निगरानी के लिए एक प्रभावी मॉडल तैयार किया जाए। खराब छवि वाले थानाध्यक्ष व थाना स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों की समीक्षा करने, जिले में बनाई गई जिला स्तर, नगर और ग्रामीण क्षेत्र के थानों के टॉप टेन अपराधियों की सूची की समीक्षा करने, गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई में जब्त की गई संपत्ति के विवरण एकत्र करने और उसका आंकलन पेश करने को कहा गया है। यह भी पता करेंगे नोडल अधिकारी नोडल अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि महिलाओं के खिलाफ घटित अपराधों एवं पास्को एक्ट के तहत पंजीकृत अपराधों की विवेचना, ट्रायल और निरोधात्मक कार्रवाई की समीक्षा करना, जिला कमेटी की बैठक में इन अभियोगों के बारे में चर्चा नियमित रूप से हो रही है या नहीं? नोडल अधिकारी यह भी पता करेंगे कि कोविड-19 के तहत बनाए गए कंटेनमेंट जोन के संबंध में शासन से दिए गए निदेर्शों का कड़ाई से पालन हो रहा है या नहीं?