राममंदिर में दान और पारदर्शिता

हमारे सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व  रहा है। जन्म से लेकर मृत्यु तक दान दिया जाता है। यह दान भी कई प्रकार से दिया जाता है। अन्नदान और फलदान सीधे सीधे  लोगों  के पेट भरने के लिए हैं। शरीर ही कर्म का साधन है। इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन जरूरी  है। अभी महीने भर पहले ही लॉकडाउन के चलते श्रमिकों और कामगारों की भगदड़-सी मच गयी थी। उस समय सबसे  जरूरी था अन्नदान। पशुओं का दान भी  हमारी धार्मिक परम्परा में शामिल है। ऋषियों  मुनियों को गाएँ दान में दी जाती थीं। उनके दूध का उपयोग आश्रम वासी करते थे। मरते समय भी गोदान की परम्परा है।


माना जाता है  कि हमारी आत्मा गाय की पूंछ पकड़ कर वैतरणी  पार कर जाती है।इसी प्रकार श्रमदान और सम्पत्ति दान होता है। हमारे देश में महादानवीर बलि हुए हैं जिनके नाम पर आज भी रक्षा सूत्र  बांधा जाता है  ...येनबद्धो बली राजा दानवेन्द्रोमहा बला...। महाभारत काल में  दानवीर कर्ण हुए जिनके यश और बल प्रताप को कौन नहीं जानता। ऐसे दानवीरों के देश में  राममंदिर निर्माण के लिए दान देने वाले कैसे पीछे रह सकते है? दान के बारे में यह भी कहा गया है कि दाहिने हाथ से दान दो लेकिन बाएं हाथ को उसका पता तक न चले। इसका तात्पर्य कि दान का बखान नहीं करना चाहिए। राममंदिर के लिए दान देने वाले इस मोह से अपने को बचा नहीं पा रहे हैं। इसलिए राममंदिर निर्माण की व्यवस्था देखने वालों की जिम्मेदारी बढ़ गयी है। उन्हे इस दान की पारदर्शिता भी बनाए रखनी होगी। अयोध्या में रामलला के मंदिर  के लिए बनाए गये ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया था कि दिव्य मंदिर के निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भूमिपूजन के पश्चात प्रारम्भ हो गया है।राम मंदिर भूमि पूजन के बाद लोगों ने दिल खोलकर दान किया है। अब तक अर्थात  24 अगस्त  से पहले तक 60 करोड़ रुपए से ज्यादा का चंदा मिल चुका था। प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण में सभी योगदान कर रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद के एक वरिष्ठ पदाधिकारी  पहले ही कह चुके हैं कि यह मंदिर रामत्व का भारत बनाने  की शुरूआत है।



उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद राम भक्त दिल खोलकर दान कर रहे हैं। भव्य मंदिर निर्माण के लिए इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 60 करोड़ से अधिक की धनराशि दान के रूप में मिल चुकी थी। इससे पहले राम जन्मभूमि न्यास ने अपने पास मौजूद 12 करोड़ रुपये श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनने के बाद उसे सौंप दिये थे। ट्रस्ट बनने के बाद से 50 करोड़ से अधिक धनराशि दान स्वरूप राशि खाते में जमा हो चुकी है। बता दें कि रामलला की आधारशिला रखने से पहले ही राम भक्तों के द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और महासचिव के पास सहयोग की राशियां मिलने लगी थीं। अब तक राम मंदिर ट्रस्ट को तकरीबन 50 करोड़ रुपये और कई टन सोना और चांदी दान में मिल चुके हैं।


राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण को लेकर पिछले 2 महीने से ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के पास आ रहे राम भक्त कुछ न कुछ दे रहे थे। विशेष रुप से चांदी दे रहे थे। वहीं मणिराम दास छावनी के पुजारी दिवंगत बजरंग दास ने भी मंदिर निर्माण के लिए 40 किलो की चांदी की ईंटें दी थीं।ऐसे ही 10 किलो, 1 किलो ,5 किलो कुल मिलाकर एक क्विंटल चांदी रखी थी और सोने के दाने भी थे जिसे सुरक्षित रखने के लिए ट्रस्ट को सौंपा है।इससे पहले ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा था कि प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर उनके भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण का कार्य माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा भूमिपूजन पश्चात प्रारम्भ हो गया है। भूमि पूजन को तमाम परिवारों ने ईमेल, वाट्सऐप इसको देखा ही होगा। अनेक लोगों के मन में उत्कंठा जगी होगी कि हम भी अपना आर्थिक योगदान मंदिर निर्माण के लिए दें। चंपत राय ने कहा कि आप अपना पैसा सीधे स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के राम जन्म भूमि र्तीर्थ क्षेत्र के अकाउंट में सीधे ट्रांसफर करा सकते हैं। ट्रांसफर करने की सभी डिटेल आपको राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकृत ट्विटर हैंडल पर उपलब्ध की गई ।


इस प्रकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर से लोग दान दे रहे हैं। मंदिर भव्य बने और ज्यादा से ज्यादा लोग इस मंदिर के लिए चंदा दें सके, इसके लिए ह्यश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रह्ण में दान को इनकम टैक्स के सेक्शन 80जी के तहत छूट मिलेगी।


केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस दान को आयकर छूट के दायरे में रखा हुआ है। इसी के तहत ट्रस्ट में दान करने वालों को 50 फीसदी की सीमा तक कटौती प्रदान की जा रही है। सीबीडीटी ने ह्यश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रह्ण ह्यऐतिहासिक महत्व और सार्वजनिक पूजा का महत्वपूर्ण स्थानह्ण के रूप में अधिसूचित किया हुआ है। सेक्शन 80जी के तहत सभी धार्मिक ट्रस्टों को छूट का लाभ नहीं मिलता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80जी के सब-सेक्शन (2) के अंदर क्लॉस (बी) के तहत बीते दिनों एक नोटिफिकेशन इसपर जारी किया जा चुका है क्योंकि यह ऐतिहासिक महत्व और सार्वजनिक पूजा करने की जगह होगी, इस वजह से इसपर टैक्स छूट का लाभ दिया जा रहा है।यानी कि ये छूट श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में दान देने पर ही मिलेगी। ह्यश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रह्ण ट्रस्ट मंदिर निर्माण के लिए बनाया गया है और इसी के जरिए दान भी भक्तों से लिया जा रहा है। राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने वालों को इसके जरिए टैक्स में छूट प्रदान की जा रही है।
मंदिर के निर्माण और देख-रेख पर किसका नियंत्रण रहेगा इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चंद दिनों बाद से ही राम जन्मभूमि न्यास, रामाल्या ट्रस्ट और मंदिर निर्माण न्यास की तरफ से अपने-अपने दावों को लेकर खबरें आईं थीं। अब राममंदिर निर्माण के लिए  देश विदेश से दान आ रहा है तो इसपर भी सभी की निगाहें हैं। इसलिए पारदर्शिता का ध्यान रखना होगा।