वैश्विक बाजार से जुड़ेंगे दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्र : अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने जा रही है। अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए जॉब पोर्टल के बाद यह अगला बड़ा कदम होगा। सरकार दिल्ली में बनने वाले उत्पादों की वैश्विक मार्केटिंग करेगी, ताकि दुनिया में कहीं से भी इन उत्पादों की खरीद-फरोख्त हो सके। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमर उजाला को दिए विशेष साक्षात्कार में इसकी जानकारी दी। केजरीवाल ने कोविड-19 से निपटने के लिए दिल्ली मॉडल, सरकारी राजस्व में तेजी से गिरावट आने के बावजूद मुफ्त योजनाओं को जारी रखने समेत आम आदमी पार्टी (आप) के राजनीतिक भविष्य व सियासी हलचलों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने माना कि दिल्ली मॉडल से संक्रमण पर नियंत्रण पाने के बाद अब सरकार की चिंता अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने की ै। इसकी शुरूआत जॉब पोर्टल से की गई है। पोर्टल नौकरी देने वाले और नौकरी खोजने वालों के लिए प्लेटफार्म मुहैया करा रहा है। शुरूआती चार दिन में इसे लेकर प्रतिक्रिया उम्मीद से बहुत अधिक मिली है। अगला चरण दिल्ली के उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार तैयार करना है, जिससे उत्पादन को खपाया जा सके।



केजरीवाल के मुताबिक, सरकार एक पोर्टल तैयार करेगी। इस पर दिल्ली के सभी 24 औद्योगिक क्षेत्र, उसमें बनने वाले सामान, उत्पादों की कीमत और खरीद-फरोख्त के तरीके से जुड़ी जानकारियां रहेंगी। इससे दुनिया में कहीं भी कोई भी व्यक्ति आसानी से दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों से कारोबार कर सकता है। सरकार अपने स्तर पर इसमें सुविधा प्रदाता के तौर पर काम करेगी। उन्हें उम्मीद है कि इससे दिल्ली की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।  सीएम ने माना कि कोरोना से निपटने का दिल्ली मॉडल बेहतर काम कर रहा है। मृत्यु दर, नए मरीजों और ठीक होने वाले लोगों की संख्या, अस्पतालों में बेड समेत संक्रमण से जुड़े सारे सूचक नियंत्रण में हैं। जिस तरह चीजें सही दिशा में हैं, उससे आने वाले दिनों में हालात बेहतर होने की उम्मीद है।फ्री बिजली जैसी योजनाएं जारी रहेंगी


केजरीवाल ने माना, राजस्व घट रहा है, इससे सरकार को खर्च में कटौती करनी पड़ी है लेकिन मुफ्त दी जा रही योजनाओं में किसी तरह का फेरबदल नहीं होगा। बकौल केजरीवाल, हमारी प्राथमिकता आम लोगों की जेब में पैसा डालने की है। यही तरीका है, जिससे राजस्व भी बढ़ सकता है। जनता को परेशानी में डालकर राजस्व नहीं बढ़ाया जा सकता है।


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