सहनशीलता, धैर्य और संस्कार गुण हैं तो आप सबसे सफल गृहणी हैं : शालू गर्ग

इनकी प्राथमिक शिक्षा दिल्ली के अच्छे स्कूल से हुई। ये बचपन से ही हर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती और हमेशा उसमें अव्वल की श्रेणी में आती। या यूं भी कह सकते हैं कि इन्हें जिंदगी में पीछे रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। स्कूल की खेल प्रतियोगिता हो, नृत्य हो, हर फील्ड में आगे ही रहती थीं शालू गर्ग। शादी के बाद भी इनकी इच्छायें थीं कि ये जिंदगी में किसी मुकाम पर पहुंचे मगर इन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को ज्यादा महत्व दिया और अपने दायित्वों को निभाते हुए इन्होंने छोटे देवर, ननंद उनकी शादी करायीं।



आज शालू गर्ग जिस भी मुकाम पर है उसका सारा श्रेय ये ईश्वर और अपनेपति को देना चाहेंगी क्योंकि उन्होंने ही हर सुख-दुख में इनका साथ दिया है। आज इनकी शादी को 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं।  आज जब इनकी फैमिली इन्हें आदर और प्यार देती हैं तो इनकी आंखें नम हो जातीं हैं। 
शालू गर्ग हमेशा से ही एक सामाजिक कार्यकर्ता बनकर समाज की सेवा करना चाहती थीं और जब जब इन्हें अवसर मिला हैं इन्होंने समाज सेवी की भी है। इन्हें हमेशा अपने पति के काम हाथ बटांना बेहद पंसद हैं और ये अपने प्रति की सहायता करती भी रहती हैं। 



इनका कहना है कि आप एक सफल गृहणी तब ही बन सकती हैं जब आपमें सहनशीलता, धैर्य, संस्कार और अपने परिवार के प्रति प्यार और आदर हो। जब आपमें ये सभी गुण समाहित होंगे तभी आप परिवार को अपना प्यार और पूरा सहयोग दे पायेंगी।