मोदी ने भूमि पूजन कर कहा जय सियाराम


500 सालों के बहुप्रतीक्षित संकल्प की सिद्धि हुई: योगी 


अवध पुरी मम पुरी सुहावन, उत्तर दिस बह सरजू पावन...। तुलसीदास रचित रामचरित मानस की इन चैपाइयों के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर अपने उद्बोधन की शुरूआत की। उनके चेहरे पर संकल्प सिद्धि के भाव और ओज दिख रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि अवधपुरी और देश के 135 करोड़ देशवासी 500 सालों के जिस बहुप्रतीक्षित क्षण का इंतजार कर रहे थे, वह संकल्प पूरा हो गया। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोकतांत्रिक तरीके से राम मंदिर निर्माण का समाधान निकाला। इस घड़ी की प्रतीक्षा में कई पीढ़ियां गुजर चुकी हैं। हमने तीन साल पहले अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया था। आज उसकी सिद्धि हो रही है। सरकार की ओर से रामायण सर्किट का काम शुरू किया गया। साथ ही अयोध्या में विकास हो रहा है।  



अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए जय सियाराम का उद्घोष किया। पीएम मोदी ने कहा कि सबमें राम, सबके राम, जय सियाराम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत सियावर रामचंद्र की जय से की। इसके बाद उन्होंने जय सियाराम का उद्घोष किया। उन्होंने कहा कि इस पवित्र मौके पर दुनिया भर के राम भक्तों को कोटि-कोटि बधाई।


5 अगस्त को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन किया। करीब 500 साल से जिन लम्हों का इंतजार था, वो लम्हा आज अवधनगरी में फलीभूत हो गया। करोड़ों राम भक्तों का सपना आज साकार हो गया है। बेहद शुभ मुहूर्त में राम मंदिर का भूमि पूजन संपन्न हुआ। साथ ही मंदिर निर्माण का शुभारंभ हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 
अयोध्या में 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकेंड पर शुभ मुहूर्त में राम मंदिर की नींव रखी। इससे पहले चांदी की 9 शिलाओं का पूजन किया गया। 


अयोध्या पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने हनुमानगढ़ी जाकर दर्शन किए और आरती उतारी। मंदिर के मुख्य पुजारी जीपी महाराज ने उन्हें चांदी की मुकुट और वस्त्र भेंट किए। इसके बाद, मोदी ने रामलला के दर्शन किए। वे रामलला के दर्शन करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्होंने रामलला मंदिर में और मंच पर साष्टांग प्रणाम किया। कोरोना की वजह से भूमि पूजन समारोह में सिर्फ 175 लोगों को आमंत्रित किया गया। इनमें देश की कुल 36 
आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संत शामिल हुए। बाकी कारसेवकों के परिवार और अन्य लोगों को निमंत्रण दिया गया था। भूमि पूजन में शामिल होने वाले हर अतिथि को श्रीराम दरबार का रजत सिक्का दिया गया। सिक्का मंदिर ट्रस्ट ने दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। आप भगवान राम की अद्भूत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं। क्या कुछ नहीं हुआ, अस्तित्व मिटाने का हर प्रयास हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति के आधार हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों। भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों। भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं! भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां बनने राम वाला मंदिर अनंत काल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देता रहेगा। हमें सुनिश्चित करना होगा कि राम का संदेश, राम मंदिर का संदेश पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे। कैसे हमारे ज्ञान, हमारे विरासत दुनिया तक पहुंचे इसकी चर्चा हमें करनी चाहिए।



प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मंदिर के निर्माण में जिन लोगों की तपस्या नींव की तरह जुड़ी हुई है उन्हें मैं 130 करोड़ भारतीयों की ओर से नमन करता हूं। पीएम ने कहा कि इस मंदिर के बनने के बाद इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र बदल जाएगा। यहां हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेगा। पीएम ने कहा कि राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है। ये महोत्सव है नर को नारायण से जोड़ने का। लोक से आस्था को जोड़ने का, वर्तमान से अतीत को जोड़ने का।


अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक संकल्प लिया था। मुझे याद है कि तब के सरसंघचालक बाला साहब देवरस ने कदम बढ़ाने से पहले यह बात याद दिलाई थी कि 20-30 साल लगेंगे। आज हमें इस संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है। बहुत लोगों ने बलिदान दिए हैं, जो सूक्ष्म रूप से उपस्थित हैं। कुछ ऐसे हैं, जो यहां आ नहीं सकते। आडवाणीजी अपने घर पर बैठे यह कार्यक्रम देख रहे होंगे। सबसे बड़ा आनंद है भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस विश्वास और आत्मभाव की जरूरत थी, वह अधिष्ठान पूर्ण हो रहा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अयोध्या में भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से शुरू हो जाएगा। इसके बावजूद सबके मन में सवाल यही है कि भव्य राम मंदिर कब तक बनकर तैयार हो जाएगा और श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन करने का मौका कब मिलेगा। ऐसे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने राम मंदिर की सीमा तय कर रखी है और 2024 के पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने अयोध्या में मंदिर निर्माण का साढ़े तीन साल में हर हाल में बनाने का टारगेट रखा है। ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को काम सौंपा है। हालांकि, ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए 32 महीने के अंदर का वक्त दे रखा है ताकि अगर कुछ थोड़ा बहुत काम रह जाए तो उसे बाकी समय में पूर कर लिया जाए।